उत्तराखंड के पौङी गढवाल जिले के कोटद्वार के मोटाढाक क्षेत्र मे मालिनी नदी के तट पर कण्वाश्रम स्थित है । जहा हर वर्ष बसंत पंचमी के उपलक्ष्य मे कण्वाश्रम महोत्सव का आयोजन होता है , अब यह महोत्सव हर वर्ष करीबन पाँच दिन का होता है ,जिसमे गढवाल की संस्कृती ,भाषा ,विचार को बङे सरलता से पेस किया जाता है । अगर आप यहाँ घूमने आना चाहते हैँ तो बङा ही आसान है ,अगर आप हरिद्वार के रास्ते आए तो लालढाग के जंगलो के रास्ते आप पहले मोटाढाक और फिर कण्वाश्रम पहुच सकते हैँ । लेकिन अगर आप नजीबाबाद के रास्ते आ रहे हैँ तो आप सिधे कोटद्वार पहुच जाए ,फिर आप 7 किलोमीटर की यात्रा कर दूर्गापुर या मोटाढाक पहुच जाए फिर आप कण्वाश्रम तक पहुच सकते हैँ
कण्वाश्रम महोत्सव 2011/Kandvashram Mahotsv 2011-- इस बार के आयोजीत कण्वाश्रम महोत्सव मे गढवाल के लोक गायकोँ द्वारा पेस गीतो पर लोग झुमने को मजबूर हो गए , यहाँ तक की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डाँ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने भी इस महोत्सव मे सिरक्कत की ,कल आखिरी दिन उत्तराखंड के खेल मंत्री खजान दास भी यहा पहुचे ,स्थानिय विधायक श्री शैलेन्द्र सिँह रावत ,और हजारो की संख्या मे लोग कण्वाश्रम महोत्सव देखने आए । हजारो रुपये के इनाम भी मेला समिती द्वारा वितरीत किए गए ।